पर्यावरण मानव जीवन का महत्वपूर्ण आधार: प्रो. पूनम टंडन

Nov 20, 2024 - 21:50
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पर्यावरण मानव जीवन का महत्वपूर्ण आधार: प्रो. पूनम टंडन

हिन्द भास्कर, गोरखपुर।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा एक महीने की अवधि में आयोजित 30 घंटे के विषय "पर्यावरणीय मानविकी" पर मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम का आज दिनांक २० नवम्बर को सफलतापूर्वक समापन हुआ।

पाठ्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति महोदया की अध्यक्षता में हुआ, जिन्होंने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि, "पर्यावरण मानव जीवन का महत्वपूर्ण आधार है।" विभागाध्यक्ष प्रो अजय कुमार शुक्ला ने पाठ्यक्रम की शुरुआत  से समापन तक सफल बनाने में अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया। विगत एक महीने से आयोजित इस पाठ्यक्रम में प्रमुख विषयों जैसे "ग्रीन राइटिंग: मैपिंग द टेरेन", "साहित्य, पर्यावरण, प्रकृति और मानवता", "'लिरिकल बैलेड्स' की प्रस्तावना: एक इकोक्रिटिकल अध्ययन", "पोस्टह्यूमनिज्म और पर्यावरणीय भविष्य", "इकोक्रिटिसिज्म और पर्यावरणीय आख्यान", "साहित्यिक परिदृश्य में पर्यावरणीय-पर्यटन: पूर्वोत्तर भारत की महिलाओं के लेखन", "एंथ्रोपोसीन, पारिस्थितिकी और चुनिंदा सिनेमाई प्रस्तुतियाँ", "इकोप्रिकैरिटी और नेक्रोपॉलिटिकल एंथ्रोपोसीन", "पेट्रोफिक्शन और स्थानिक-कालिकता", "पर्यावरणीय न्याय की ओर: एक सैद्धांतिक दृष्टिकोण", "उपनिवेशोत्तर पारिस्थितिकताएं: उपनिवेशोत्तरता और इकोक्रिटिसिज्म के अंतर्संबंध", "इकोफेमिनिज्म: अंग्रेजी साहित्य में सिद्धांत और व्यवहार", "इको-स्पिरिचुअलिटी और पर्यावरणीय-चेतना", " पर्यावरणीय-चेतना और मीडिया प्रस्तुतियाँ", "बायोरिज़नलिज्म और साहित्यिक कल्पनाएँ", "मीडिया द्वारा निर्मित पर्यावरणीय विमर्श" पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालय एवं संस्थान जैसे डरबन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, दक्षिण अफ्रीका, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर, रेवा विश्वविद्यालय, के आई आई टी भुवनेश्वर से निम्नलिखित विद्वानों प्रो. अनिता सिंह, प्रो. सर्वजीत मुखर्जी, डॉ. अमोद कुमार राय, डॉ. अवनीश राय, डॉ. प्रवीण के.आर. पटेल, डॉ. प्रसनजीत पांडा, डॉ. अभिसारिका प्रजापति, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. गौतम कर्माकर, डॉ. सीमा लाडसरिया, डॉ. सुभदीप रे, प्रो. सुनीता मुर्मु, प्रो. हुमैरा जावेद, डॉ. शिवांगी, प्रो. नंदिता सिंह, प्रो. गौरहरि बेहेरा, प्रो. आलोक कुमार ने अपने विचार साझा किया।  

पाठ्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता प्रो. सुनीता मुर्मु ने किया।

मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. मनोज कुमार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, ने भाग लिया और इस आयोजन की सफलता को सराहा।

  इस पाठ्यक्रम का समन्वय एवं इस सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संजीव कुमार विश्वकर्मा ने किया। सत्र का सञ्चालन शोध छात्र मधुकर राय और कुमारी गुंजन ने किया । इस अवसर पर विभिन्न छात्रों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक मंच बना, जिसमें पर्यावरणीय साहित्य और मानविकी के विविध आयामों पर गहन चर्चा हुई।

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