05 अगस्त 2024 का पंचांग एवं सोमवार का महत्व
आज सोमवार है। श्री शुभ संवत् 2081 के श्रावण शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि। शक संवत् 1946 के राष्ट्रीय श्रावण मास की 14वीं तिथि, तदनुसार दिनांक 05 अगस्त सन् 2024 ई०। आज सूर्योदय प्रातः 05 बजकर 26 मिनट पर तथा सूर्यास्त सायं 06 बजकर 34 मिनट पर होगा।वर्षा ऋतु है। दिनमान 32 घटी 48 पल तथा रात्रि मान 27 घटी 12 पल। प्रतिपदा तिथि का मान दिन में 04 बजकर 47 मिनट तक तदुपरांत शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि। राहु काल प्रातः 07:30 बजे से 09:00 बजे तक है। राहु काल में यात्रा एवं शुभकार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए। सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा की जा सकती है। यात्रा का आशय आपके नियमित कार्य से नहीं होता। दिन में 03 बजकर 24 मिनट तक श्लेषा नक्षत्र है इसके अनंतर मघा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। दिन में 11 बजकर 43 मिनट तक व्यतिपात योग है। 07 अगस्त बुधवार को हरियाली या कजरी तीज तथा 09 अगस्त शुक्रवार को नाग पंचमी है।
सोमवार का माहात्म्य
आशुतोष भगवान शंकर की पूजा का विशेष दिन है सोमवार। चंद्रमा का दिन है सोमवार।
'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात' - इस मंत्र का जाप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है। इस मंत्र के जाप से भी व्यक्ति के रूके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं।
श्रावण मास में सोमवार का विषेश महत्व है। जो प्रतिदिन पूजन न कर सकें उन्हें सोमवार को शिव पूजा अवश्य करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। सोमवार भगवान शंकर का प्रिय दिन है। दु:ख , चिन्ता और रोगों की मुक्ति के लिए सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है।
इस दिन शिवलिंग पर चंदन,अक्षत, दूध, गंगाजल और तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जप ,सूर्योदय के दौरान शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक , गरीब लोगों को भोजन तथा अपनी श्रद्धा अनुसार दान करना चाहिए।
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