दैनिक पंचांग दिनांक 08 सितंबर 2025
08 सितंबर 2025 दिन सोमवार का पंचांग
विक्रम सम्वत:2082 कालयुक्त
मास एवं पक्ष : आश्विन (क्वार) कृष्ण पक्ष
तिथि: प्रतिपदा रात्रि 10बजकर 15मिनट तक तत्पश्चात आश्विन कृष्ण द्वितीया
नक्षत्र: पूर्वाभाद्रपद रात में 10 बजकर 04मिनट तक तत्पश्चात उत्तरा भाद्रपद।
योग: धृति दिन में 08 बजकर 56 मिनट तक तत्पश्चात शूल/गण्ड
शक सम्वत:1947 विश्वावसु
राष्ट्रीय भाद्रपद मास की 17वीं तिथि
आज सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय का समय
सूर्योदय का समय : 05: 49 ए एम
सूर्यास्त का समय : 06: 11पी एम
चंद्रोदय का समय: 06:35 पी एम
व्रत एवं त्यौहार:
जीवित्पुत्रिका व्रत 14 सितंबर 2025
मातृ नवमी ( बुढ़िया विदा) 15 सितंबर 2025
विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025
पितृ -विसर्जन 21 सितंबर 2025
पितृपक्ष आरम्भ
पितृव्रत (कर्मकाण्डमार्गप्रदीप) - शास्त्रोंमें मनुष्योंके लिये
देव-ऋण, ऋषि ऋण और पितृ-ऋण - ये तीन ऋण बतलाये गये हैं। इनमे श्राद्धके द्वारा पितृ ऋणका उतारना आवश्यक है: क्योंकि जिन माता-पिताने हमारी आयु, आरोग्य और सुख-सौभाग्यादिकी अभिवृद्धिके लिये अनेक यत्न या प्रयास किये उनके ऋणसे मुक्त न होनेपर हमारा जन्मग्रहण करना निरर्थक होता है। उनके ऋण उतारनेमें कोई ज्यादा खर्च हो, सो भी नहीं है, केवल वर्षभरमें उनकी मृत्यु-तिथिको सर्वसुलभ जल, तिल, यव, कुश और पुष्प आदिसे उनका श्राद्ध सम्पन्न करने और गोग्रास देकर एक या तीन, पाँच आदि ब्राह्मणोंको भोजन करा देनेमात्रसे ऋण उतर जाता है; अतः इस सरलतासे साध्य होनेवाले कार्यकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिये । इसके लिये जिस मासकी जिस तिथिको माता-पिता आदिकी मृत्यु हुई हो उस तिथिको श्राद्धादि करनेके सिवा, आश्विन कृष्ण (महालय) पक्षमें भी उसी तिथिको श्राद्ध-तर्पण-गोग्रास और ब्राह्मण-भोजनादि करना-कराना आवश्यक है; इससे पितृगण प्रसन्न होते हैं और हमारा सौभाग्य बढ़ता है। पुत्रको चाहिये कि वह माता-पिताकी मरण-तिथिको मध्याह्नकालमें पुनः स्नान करके श्राद्धादि करे और ब्राह्मणोंको भोजन कराके स्वयं भोजन करे। जिस स्त्रीके कोई पुत्र न हो, वह स्वयं भी अपने पतिका श्राद्ध उसकी मृत्यु-तिथिको कर सकती है। भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमासे प्रारम्भ करके आश्विन कृष्ण अमावस्यातक सोलह दिन पितरोंका तर्पण और विशेष तिथिको श्राद्ध अवश्य करना चाहिये। इस प्रकार करनेसे 'पितृव्रत' यथोचितरूपमें पूर्ण होता है।
14 सितंबर 2025 को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में सामान्य से अच्छी वर्षा के योग हैं।
-केशव शुक्ल
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