चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ने किसानों को दी ट्रैक्टर की चाबी, हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ने किसानों को दी ट्रैक्टर की चाबी, हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर किया पुष्पार्चन, ‘किसान सम्मान दिवस’ में भी हुए शामिल
- सीएम ने किसानों को दी ट्रैक्टर की चाबी, हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- मुख्यमंत्री ने चौधरी चरण सिंह सीड पार्क अटारी लखनऊ के प्लॉट आवंटन प्रक्रिया का बटन दबाकर किया शुभारंभ
लखनऊ(हिन्द भास्कर):- मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर आयोजित ‘किसान सम्मान दिवस’ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पांच किसानों को ट्रैक्टर की चाबी भी दी। साथ ही 25 ट्रैक्टरों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री योगी ने किसान सम्मान दिवस पर किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि सर्दी, गर्मी की परवाह किए बिना जब वह पसीना बहाता है और सर्दी को अपनी अस्थियों में समाहित कर ऊर्जा का प्रवाह धरती मां के साथ करता है तो खेती अन्न उत्पादन के रूप में सोना उगलती है। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। सीएम ने ‘किसान सम्मान दिवस’ पर किसानों को ट्रैक्टर की चाबी दी। साथ ही किसानों, वैज्ञानिकों, एफपीओ आदि को सम्मानित किया।
वहीं मुख्यमंत्री ने चौधरी चरण सिंह सीड पार्क अटारी लखनऊ के प्लॉट आवंटन प्रक्रिया का बटन दबाकर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली, तब पहली बार किसान भी सरकार के एजेंडे का हिस्सा बना। पहली बार स्वायल हेल्थ कार्ड के माध्यम से पीएम मोदी ने 2014 में धरती मां की सेहत के बारे में हर किसी को जागरूक किया। अन्नदाता किसानों को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से जोड़ा, फिर एक-एक करके प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि, एमएसपी की गारंटी हो या बीज से लेकर बाजार तक किसानों की सुविधाओं को बढ़ाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देकर किसानों का मान बढ़ाया। लघु व सीमांत किसानों के लिए कृषि ऋण मोचन कार्यक्रम लागू किया। पहले किसान शासन की किसी भी योजना का अंग नहीं था, लेकिन आज किसान को शासन की हर योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। आज बिचौलिया किसानों की फसल का दाम नहीं तय करता। प्रदेश में धान, गेहूं, चना, सरसो, बाजरा, मक्का आदि फसलों का उत्पादन कई गुना बढ़ा है और लागत कम हुई है। यही किसानों की समृद्धि का आधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह हमेशा देश, गांव व किसान के हित में काम करते थे।
वे कहते थे कि जब तक किसान गरीब रहेगा, भारत अमीर नहीं हो सकता। ग्रामीण भारत ही असली भारत है। भारत की समृद्धि का मार्ग देश के खेत व खलिहान से होकर गुजरता है। जागरूक जनशक्ति ही सफल लोकतंत्र का आधार है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लघु-सीमांत किसानों के साढ़े तीन एकड़ तक के भूखंड को भूराजस्व के भुगतान में छूट भी दिलाई। उर्वरकों को बिक्री कर से मुक्त कराया। काम के बदले अनाज कार्यक्रम की शुरूआत भी की। कृषि व ग्रामीण विकास योजना के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1996 से 2017 (21-22 वर्ष) में किसानों को जितना गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ था, उससे लगभग 75 हजार करोड़ रुपये अधिक धनराशि 8 वर्ष में किसानों के खाते में डाली है। मुख्यमंत्री ने ने कहा कि यूपी में किसान समृद्धि की तरफ अग्रसर हुआ है। किसानों ने नई तकनीक और अच्छी क्वालिटी के बीज पर ध्यान दिया तो कम लागत में अच्छा उत्पादन कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की स्मृति को जीवंत बनाए रखने के लिए लखनऊ में आधुनिक तकनीक पर आधारित सीड पार्क बन रहा है।
उत्तम क्वालिटी का बीज किसानों को समय पर मिल जाए और वह समय पर खेती करे तो 30 फीसदी उत्पादन बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 16 लाख निजी ट्यूबवेल से जुड़े किसानों का ऋण माफ कर दिया है। हर वर्ष सरकार 3600 करोड़ रुपये पावर कॉरपोरेशन को देती हैं। सहकारिता के माध्यम से संचालित एलडीबी के द्वारा किसानों को साढ़े 11 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन मिलता था, अब यह छह फीसदी पर मिलेगा।
किसान के हित में सरकार सब कुछ करेगी। अब योजनाओं की स्पीड सुस्त नहीं है। अब किसानों को सुरक्षा की चिंता नहीं है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है। चौधरी चरण सिंह की सोच के अनुरूप डबल इंजन सरकार किसानों के हितों के लिए सदा कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री के हाथों इन किसानों को मिली ट्रैक्टर की चाबी
मुख्यमंत्री ने जालौन की प्रवेशिका, शाहजहांपुर से उधम सिंह, फतेहपुर से मुकेश, मुजफ्फरनगर से श्रीपाल, लखीमपुर खीरी से जमाइफ खान को ट्रैक्टर की चाबी प्रदान की।
सीएम ने इन्हें भी किया सम्मानित
- कमलनाथ- धान उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- बिजेंद्र कुमार सिंह- गेहूं उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- आशीष तिवारी- चना उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- रामकिशुन- मटर उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- हीरालाल- सरसो उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- रणधीर सिंह- अरहर उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- अमरेश कुमार- ज्वार उत्पादन (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- विशिष्ट महिला किसान का पुरस्कार- संध्या सिंह (75 हजार रुपये, अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र)
- एफपीओ- विकास कुमार सिंह- जया सीड्स कंपनी लिमिटेड वाराणसी (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- कुलदीप मिश्र (गोंडा)- बीज विकास निगम में सर्वाधिक बीज सप्लाई करने वाले एफपीओ
- औद्यानिक खेती- विकास कुमार सिंह (एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र)
- कृषि वैज्ञानिक- डॉ0 धीरज कुमार तिवारी (कृषि विज्ञान केंद्र, उन्नाव)
किसान सम्मान दिवस में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, योगी सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, धर्मपाल सिंह, डॉ0 संजय निषाद, अनिल कुमार, दिनेश सिंह, कपिलदेव अग्रवाल, बलदेव सिंह औलख, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता समेत भाजपा व रालोद के कई विधायक भी मौजूद रहे।
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