डीडीयू के शोधार्थी विष्णु मिश्रा को मिली आईसीएसआर फुल-टर्म डॉक्टोरल फेलोशिप
अंग्रेज़ी विभाग के आचार्य प्रो. अजय कुमार शुक्ला के निर्देशन में रामचरितमानस पर कर रहे हैं शोध कार्य
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में प्रो. अजय कुमार शुक्ला के निर्देशन में शोधरत शोधार्थी विष्णु मिश्रा का चयन भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसआर), नई दिल्ली की प्रतिष्ठित फुल-टर्म डॉक्टोरल फेलोशिप (2025–26) के लिए किया गया है। यह फेलोशिप मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उच्चस्तरीय शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है।
विष्णु मिश्रा वर्तमान में रामचरितमानस के अध्ययन में वर्ग की अवधारणा को धुंधला (ब्लर) करने वाले सामाजिक-साहित्यिक प्रश्नों पर गहन शोध कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही वे अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं में अपने शोध-पत्र प्रकाशित कर चुके हैं। उन्होंने स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए लघुकथाओं पर आधारित एक पुस्तक भी अपने सुपरवाईजर प्रो. अजय कुमार शुक्ला के साथ प्रकाशित की है। उनके शोध-कार्य एवं अकादमिक उपलब्धियों ने विभाग और विश्वविद्यालय—दोनों को शोध-क्षेत्र में नई पहचान प्रदान की है। चयन प्रक्रिया पूर्णतः शोध-प्रस्ताव, शैक्षणिक उपलब्धियों तथा आईसीएसआर के निर्धारित मानदंडों पर आधारित रही।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। विष्णु मिश्रा ने शोध के क्षेत्र में निरंतर परिश्रम और समर्पण के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं अंग्रेज़ी विभाग का नाम रोशन किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह शोध भविष्य के साहित्यिक एवं सामाजिक विमर्श में नई संभावनाएँ प्रस्तुत करेगा।
सुपरवाईजर प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि विष्णु मिश्रा एक अत्यंत मेहनती, अनुशासित और कर्मठ शोधार्थी हैं। उनकी शोध-दृष्टि और अकादमिक प्रतिबद्धता उन्हें एक उत्कृष्ट शोधार्थी के रूप में स्थापित करती है। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि विष्णु का शोध अकादमिक जगत में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
वहीं शोधार्थी विष्णु मिश्रा ने कहा कि यह उपलब्धि उनके लिए अत्यंत गर्व और प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने अपने सुपरवाईजर प्रो. अजय कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा के लिए आभार व्यक्त किया तथा अंग्रेज़ी विभाग को शोध-अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह फेलोशिप उनके शोध-कार्य की गुणवत्ता और विस्तार को नई दिशा प्रदान करेगी।
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रशासन एवं अंग्रेज़ी विभाग की ओर से शोधार्थी को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी गईं।
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