पूनम की रात शरद् चंद्रिकोत्सव की 28वीं प्रस्तुति में शास्त्रीय संगीत की अमृत वर्षा
ख्यातिलब्ध कलाकारों ने किया शास्त्रीय गायन,वादन और नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन
अमृत वर्षा का साक्षी बने शक्तेश्वर महादेव , स्वयं कान्हा संग किशोरी जू और उनके श्रद्धा में डूबे संगीत प्रेमियों का संगम
अमरेश मिश्र
हिन्द भास्कर, सोनभद्र
शक्ति संगीत कला परिषद् एवं मानव संसाधन विभाग, एनटीपीसी शक्तिनगर के सौजन्य से शरद् पूर्णिमा के अवसर पर आगंतुक कलाकारों ने शास्त्रीय कार्यक्रमों की भव्य प्रस्तुति से चाँदनी रात को संगीत से ओतप्रोत कर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि, अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथिगण का स्वागत संस्था के पदाधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ एवं शॉल पहनाकर किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ मुख्य अतिथि संदीप नायक, परियोजना प्रमुख एनटीपीसी सिंगरौली, आनंद कुमार सिंह, परियोजना प्रमुख एमईआईएल, अनपरा, संस्थाध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार दुबे, सचिव सी० एस० जोशी एवं अन्य पदाधिकारियों ने दीपप्रज्वलन से किया। एतदुपरांत भारतीय शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण स्व० पं० छन्नूलाल मिश्र को समर्पित समारोह में अतिथिगण द्वारा पुष्पांजलि द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
इस प्रकार से समारोह की
प्रथम प्रस्तुति के रूप में सरोद वादन के माध्यम से मैहर घराना के श्रीजीत कुमार पाल ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अति प्रसिद्ध राग दुर्गा के माध्यम से जनमानस में भक्ति, साहस, शांति एवं सुकून का संचार किया तो बनारस घराना के ख्यातिलब्ध बाँसुरी वादक सौरभ बनौधा ने राग चंद्रकौस की प्रस्तुति के माध्यम से रोमांस, रहस्य, गांभीर्य एवं मधुरता भावनाओं का अद्भुत मिश्रण करते हुए सभी को झंकृत कर दिया तथा प्रस्तुति ने आकर्षक रूप तब धारन किया जब सरोद और बाँसुरी की जुगलबंदी के साथ डॉ० बृजेंद्र शुक्ल (मैहर घराना) के तबले का संगम हुआ इस जुगलबंदी ने राग अहीर भैरव की भव्य प्रस्तुति के माध्यम से भैरव राग की गंभीरता एवं अहीर राग की मिठास दोनों का सुंदर समागम किया।
ओडिसी नृत्य
सुप्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना आर्या नांदे (रायगढ़) ने ओडिसी नृत्य, जिसे देवदासियों का नत्य माना जाता है उसके माध्यम से प्रथम प्रस्तुति के रूप में भगवान नरसिंह पर आधारित ‘लक्ष्मीनरसिंहध्यानं’ हिरण्यकश्यपवध कथा के माध्यम से मंगलाचरण की जीवंत प्रस्तुति दी तत्पश्चात् द्वितीय प्रस्तुति के रूप में महिषासुरमर्दिनी माता दुर्गा के विविध रूपों के प्रसंगों का अभिनय नृत्य की सहायता से किया तथा अन्तिम प्रस्तुति के रूप में उड़िया अभिनय जिसका आधार द्रोपदी चीरहरण एवं हस्तिनापुर राजसभा का दृश्य रहा उसे ‘मानव धारण’ के माध्यम से जनसैलाब को भावुक एवं रोमांचित कर दिया।
गायन
समारोह की अंतिम प्रस्तुति गायन रही जिसे कोलकाता से आए सुप्रसिद्ध विश्वविख्यात गायक कलाकार संदीपन समाजपति ने मशहूर तबला वादक अशोक मुखर्जी (कोलकाता) एवं हारमोनियम के महारथी पं० धर्मनाथ मिश्र (लखनऊ) के साथ कजरी, ठुमरी, दादरा की मनोहारिणी, लुभावनी एवं चित्ताकर्षक गायकी से रात्रि के द्वितीय प्रहर को जागरणकाल में परिवर्तित कर दिया। संदीपन ने अपने प्रदर्शन, मधुर आवाज एवं सगीतात्मकता से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर चार चाँद लगाते हुए कार्यक्रम को सफलता के उच्चतम शिखर तक पहुँचा दिया।
मुख्य अतिथि संदीप नायक, परियोजना प्रमुख एनटीपीसी सिंगरौली ने अपने उद्बोधन में सभी कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि हमारा देश अद्भुत प्रतिभाओं का धनी है, शास्त्रीय संगीत परंपरा की अपूर्व धरोहर जो शताब्दियों से आक्षुण्ण रूप से प्रवाहमान है, उसे आज भी उसी प्रकार का आदर एवं श्रद्धाभाव दिया जा रहा है। भविष्य में भी इस प्रकार से समारोह होते रहें जिससे क्षेत्रवासी लाभान्वित होते रहें ऐसी मंगलकामनाओं सहित उद्बोधन में सबके प्रति आभार व्यक्त किया।समारोह में उपस्थित समस्त कलाकारों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं शॉल पहनाकर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा किया गया।
स्वागत भाषण के माध्यम से संस्थाध्यक्ष डॉ० ए० के० दुबे ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं परिसर में उपस्थित प्रत्येक जन का स्वागत एवं अभिनंदन किया तथा संस्था के सचिव सी० एस० जोशी ने संस्था की वार्षिक प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए सहयोगी संस्थाओं का भी धन्यवाद किया।
समारोह में विशिष्ट अतिथि
आशुतोष द्विवेदी, निदेशक तकनीकि, एनसीएल, अनिल श्रीवास्तव, परियोजना प्रमुख, रिहंद नगर, आर. आर. मोहंती, महाप्रबंधक(प्रोजेक्ट), एनटीपीसी सिंगरौली, पीयूष श्रीवास्तव, महाप्रबंधक(केमिस्ट्री एवं बी०ई०) एनटीपीसी सिंगरौली, सिद्धार्थ मंडल, अपर महाप्रबंधक, मा० संसा०, एनटीपीसी सिंगरौली, डॉ० ओमप्रकाश, उपमहाप्रबंधक, राजभाषा अनुभाग, एनटीपीसी सिंगरौली, सुधाकर द्विवेदी, एच0 आर0 हेड, मेघा पावर, अनपरा, अनुग्रह नारायण मिश्र, उपमहाप्रबंधक, मा0 संसा0, एनटीपीसी सिंगरौली, एस० के० सिंह एनटीपीसी नबीनगर, वेंकटेश शास्त्री, भागवत कथावाचक ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया एवं मंच संचालन डॉ० योगेंद्र तिवारी ने किया।
कार्यक्रम के साक्षी सम्मानित संगीत प्रेमी
राजेंद्र सिंह बघेल, ए० के० सिंह, बी० के० सिंह, एस० के० राय, सत्य नारायण बंसल, श्याम सुंदर अग्रवाल, अजीत तिवारी, एस० एन० पाण्डेय, श्रीकांत राय, अनीता दुबे, विदुषी परिहार, रीता सिंह, संतोष परिहार, विनोद कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, बद्री प्रसाद, सुभाष पटेल, विजय दुबे, अमरेश मिश्र, अमरेश पांडेय, साहिल मिश्र, अंबुज शुक्ला,राजू ठाकुर एवं अन्य महानुभावों के साथ भारी संख्या में सुधी श्रोता के रूप में जनता जनार्दन की उपस्थिति रही।
विदा होती बेटियाँ काव्य संग्रह का लोकार्पण
डॉ० ओमप्रकाश, उपमहाप्रबंधक, राजभाषा अनुभाग, एनटीपीसी सिंगरौली की मार्मिक कृति ‘विदा होती बेटियाँ’ काव्य-संग्रह का कार्यक्रम में शामिल अतिथियों द्वारा लोकार्पण कर उनका उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष आनंद कुमार सिंह, परियोजना प्रमुख एमईआईएल, अनपरा, द्वारा समारोह के आयोजकों व सभी श्रोताओं को आशीर्वचन देने के साथ समारोह के समापन की घोषणा की गयी। कार्यक्रम के अंत में भगवान राधा कृष्ण की आरती पूजा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि गण द्वारा की गई तत्पश्चात् खीर प्रसाद का वितरण किया गया।
What's Your Reaction?






