योगी सरकार ने बनाया रिकॉर्ड, 48 लाख से अधिक परिवारों को मिला रोजगार, 31 फीसदी एससी-एसटी लाभार्थी
योगी सरकार ने बनाया रिकॉर्ड, 48 लाख से अधिक परिवारों को मिला रोजगार, 31 फीसदी एससी-एसटी लाभार्थी
- वित्तीय वर्ष 2025-2026 में समय पर किया गया 97 फीसदी से अधिक का भुगतान
- प्रदेश में 6703 करोड़ रुपए से तैयार किए गए आय के नए स्रोत, रोजगार सृजन का बन रहा बेहतर माहौल
- मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को मिल रही प्राथमिकता
- मनरेगा के जरिए मजबूत हुआ ग्रामीण रोजगार, योगी सरकार में बन रहे रिकॉर्ड
लखनऊ(हिन्द भास्कर):- योगी सरकार की प्राथमिकता है कि लोगों को रोजगार के साथ सम्मान भी मिले। इसी सोच के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवारों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि पलायन पर भी प्रभावी रोक लगी है। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में रोजगार सृजन को लेकर सकारात्मक और ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 48 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इनमें 31 प्रतिशत से अधिक परिवार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं, जो सामाजिक समावेशन और समान अवसर की दिशा में योगी सरकार के प्रयासों और प्राथमिकता को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा के तहत 97 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों को समय पर भुगतान किया जा चुका है।
इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में भरोसा बढ़ा है और श्रमिकों को उनकी मेहनत का पूरा और पारदर्शी लाभ मिल रहा है। योगी सरकार ने 6703 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की है, जिससे गांवों में आय के नए स्रोत तैयार हुए हैं। मनरेगा के जरिए गांवों में विकास कार्यों को गति मिल रही है और लाखों परिवार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। यह मॉडल उत्तर प्रदेश में समावेशी विकास और मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश कर रहा है।
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