भारत की संत परंपरा को कोई भी शक्ति भय से दबा या डरा नहीं सकती:- महंत रविन्द्र पुरी
भारत की संत परंपरा को कोई भी शक्ति भय से दबा या डरा नहीं सकती:- महंत रविन्द्र पुरी
आचार्य संजय तिवारी
प्रयागराज(हिन्द भास्कर):- प्रयागराज का महाकुंभ भारत को विश्वगुरु के पथ पर लेकर जायेगा। इसी कुंभ में भारत की सनातन शक्ति का दर्शन और आभास विश्व को होने जा रहा है। इसके लिए दुनिया के कोने कोने से आस्थावान लोग प्रयागराज आ रहे हैं। कुंभ में साधकों, संतों, मनीषियों और सनातन की सम्पूर्ण शक्ति के दर्शन के साथ ही भारत और भारतीयता की परिभाषा को जगत समझ सकेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी जी (महानिर्वाणी) ने एक खास बातचीत में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिभावकत्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वयं एक युवा संत योगी आदित्यनाथ जिस तरह से इस महा आयोजन को सजाने संवारने में अथक परिश्रम कर रहे हैं उसके लिए संत समाज और अखाड़ा परिषद इनके प्रति कृतज्ञ भाव व्यक्त करता है।
एक प्रश्न के उत्तर में पुरी जी ने कहा कि सभी अखाड़ों और उनके अंतर्गत लगभग 147 संप्रदायों की उपस्थिति और सहभागिता से भारत की सनातन शक्ति और ज्ञान परंपरा से विश्व परिचित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुंभ कोई बाजार या ऐसी जगह नहीं है जहां कोई व्यावसायिक गतिविधि होती है। कुंभ भारत की वह प्राण शक्ति स्थल है जहां सनातन लोक अपनी गहरी आस्था के साथ आकर अपने आदर्श स्थापित करता है। इसमें संतों, साधकों और ज्ञान परंपरा के माध्यम से देश, समाज और लोक के हित में निर्णय भी लिए जाते हैं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत की संत परंपरा को कोई भी शक्ति भय से दबा या डरा नहीं सकती। जो लोग कुंभ में व्यवधान या किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधि की योजनाएं बना रहे हैं या सोच भी रहे हैं उनके लिए स्पष्ट संदेश है कि वे जहां हैं वहीं तक सीमित रहें। कुंभ का जो उद्देश्य है वह लोक कल्याण के लिए है। कुंभ की सुरक्षा के लिए मोदी और योगी की एजेंसियां सक्षम हैं और हमें अपनी सरकारों की हर व्यवस्था पर गर्व है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री महंत रविन्द्र पुरी जी ने कहा कि संत और साधक भारत की सनातन संस्कृति के शक्तिपुंज हैं। कुंभ ही एक ऐसा अवसर होता है जब लोक अपनी इस शक्ति पुंज का साक्षात दर्शन भी करता है और उनसे मार्गदर्शन भी प्राप्त करता है।
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