रामराज्य व समाजवाद पर विमर्श जरूरी - दीपक मिश्र

रामराज्य व समाजवाद पर विमर्श जरूरी - दीपक मिश्र

Nov 7, 2025 - 21:53
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रामराज्य व समाजवाद पर विमर्श जरूरी - दीपक मिश्र

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान से समाजवादी चिंतक और बौद्धिक सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने मुलाकात कर तुलसीदास विरचित रामचरित मानस , साहिर लुधियानवीं की परछाइयां समेत स्वलिखित कई पुस्तकें भेंट की । रामचरित मानस को आजम खान ने बड़े सम्मानभाव से माथे से लगाया और पढ़ने के बाद विश्वविद्यालय की पुस्तकालय में रखने को कहा ।

इस अवसर पर संवाद के दौरान समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में रामराज्य और समाजवाद समदर्शी हैं , दोनों भारतवर्ष की महान आदर्शगत अवधारणाएं हैं। वर्तमान में रामराज्य और समाजवाद के अंतर्संबंधों पर व्यापक विमर्श जरूरी है, ताकि इनके नाम पर बोले जा रहे झूठ से राष्ट्र को बचाया जा सके । रामचरित मानस उस दौर में लिखी गई थी जब देश में मुगलिया सल्तनत चरम पर थी।

रामराज्य एक शोषणविहीन समता मूलक समाजवादी समाज की बात करता है जो राममनोहर लोहिया के समाजवाद का समग्र लक्ष्य है , समदर्शी होने के कारण ही लोहिया रामायण मेला लगवाते थे और रामराज्य पर बहस चलाते थे । आज़म खान ने दीपक मिश्र से रामराज्य और समाजवाद पर सार्थक और सतत बहस चलाने को कहा ताकि समाज में व्याप्त भ्रम दूर हो । दीपक मिश्र ने कहा ,वर्तमान सरकार की नीतियां रामराज्य की बुनियादी सोच, दर्शन एवं सिद्धांतों के प्रतिकूल है , इसी से समाज में सांप्रदायिक तनाव, अशांति, आर्थिक विषमता घटने की बजाय बढ़ रही है ।

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