पराक्रम : ' सिंदूर ' जिन मोहि मारा तीन मोहि मारे...!

May 14, 2025 - 23:32
May 15, 2025 - 00:25
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पराक्रम : ' सिंदूर ' जिन मोहि मारा तीन मोहि मारे...!

_____सनातन परम्परा में ' सिंदूर ' सुहाग का पर्याय ।

_____ सैन्य बल ने आतंकी संगठनों 

            की तोड़ी रीढ़ की हड्डी ।

      

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   भोलानाथ मिश्र

     पत्रकार / प्राध्यापक

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 प्रत्येक सैन्य अभियान का एक नाम

तो होता ही है , लेकिन आपरेशन 

' सिंदूर ' का संदेश कुछ विशेष है । 

 पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी

कार्रवाई में भारत ने आपरेशन  

 ' सिंदूर ' में जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार के14 लोगों को

 मार गिराया । आतंकी संगठन जैश_

ए मोहम्मद और लश्करे _ ए तैयबा

के हेडक्वार्ट्स को ध्वस्त किया । भारतीय वायुसेना ने किसी भी सैन्य

या असैन्य प्रतिष्ठान और पाक नागरिकों को निशाना नहीं बनाया ।

       कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस

ब्रीफिंग के दौरान कुछ वीडियो तथा

सैटलाइट तस्वीरें साझा की हैं । जिसके अनुसार जैश _ए मोहम्मद

बहावलपुर में , मरकज सुभान अल्लाह , तेहरा कला में सरताज ,

कोटली में मरकज अब्बास और

मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल

निशाना बने ।

       लश्करे _ ए तैयब : मुर्दिके में

मरकज तैयब , बरनाला में मरकज

अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में

श्वावाई नाला निशान बनाए गए ।

       हिजबुल मुजाहिदीन : कोटली

में मकाज राहिल शहीद और सियालकोट में मेहमूना जोया निशाने

पर थे ।

       बदला पूरा हुआ

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पहलगाम में पाकिस्तान पोषित

आतंकियों ने जिस निर्माता के साथ

निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछ कर

जघन्य हत्या की थी और उनकी पत्नियों की मांग का ' सिंदूर' उजड़ा था , उसी ' सिंदूर ' के नाम पर भारतीय सैन्य बल ने अपने अभियान में कौशल का परिचय

देते हुए आतंकी ठिकानों को ध्वस्त

कर दिया और सौ से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है ।

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए आपरेशन ' सिंदूर ' के नाम ने तीनो सेना के वीर जवानों को

यह स्पष्ट संदेश दे दिया था कि आक्रमण इतना सटीक और भीषण

होना चाहिए कि फिर कोई भारत में किसी मां _ बहन के ' सिंदूर ' पर हमला करने से पहले सौ बार सोचे ।

हमारी पराक्रमी सेना ने जिस अदभुत , विलक्षण , सटीकता के साथ लक्ष्य भेदन कर विश्व को चमत्कृत किया है , उसे स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास के पन्ने पर लिखा

जाएगा । इस सफलता के पीछे प्रबल , प्रखर राजनीतिक इच्छा शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान था ।

       भारत का दो टूक संदेश

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पूरे विश्व को प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने राष्ट्र के नाम संदेश में दो टूक संदेश दे दिया है । आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई , आतंकवादियों को पोषित करने वाले लोग , संगठन

या देश को स्पष्ट चेतावनी डेढ़ अरब

लोगों की ओर से प्रधानमंत्री ने खुलेआम दे दिया है । अमेरिका के

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए

बिना प्रधानमंत्री ने दो टूक कह दिया

है कि कश्मीर पर नहीं , अब बात होगी केवल पाकिस्तान जो कब्जा किए हुए है , उसे वापस करने के लिए । तीसरे पक्ष की

मध्यस्थता को मोदी ने सिरे से खारिज कर दिया है । यह

 स्पष्ट कर दिया गया है कि आपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है । परमाणु बम की पाकिस्तान की

बार बार की धमकी पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है । बांग्लादेश 

और तुर्की पर भारत ने अपने विचार

स्पष्ट शब्दों में 70 विदेशी राजनयिकों के समक्ष प्रेस कांफ्रेंस

में व्यक्त कर चुका है । पाकिस्तान के

झूठ को प्रधानमंत्री ने बेनकाब कर

दिया है ।

      सियासत 

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इस समय भारत में दो तरह के लोग

हैं । एक पक्ष में तो दूसरे विपक्ष में । विपक्षी राजनीतिक दलों के 

 कुछ नेता , कुछ बुद्धिजीवी डिजिटल , सोशल तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े कुछ लोग अपने ढंग और चश्मे के रंग से समीक्षा कर रहे

हैं । एक बड़ा वर्ग और राजनीतिक दल मोदी जी के विचारों और वादों के साथ हैं ।

       बोले प्रबुद्ध विचारक

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सोनभद्र , घोरावल क्षेत्र के ' ओ दार 

गांव ' के प्रगतिशील किसान पण्डित 

लालजी तिवारी का मानना है कि मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्रीराम के

जीवन आदर्श और योगेश्वर श्रीकृष्ण के उपदेश को आधार बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छा

शक्ति से जल थल नभ सेना ने खुली

छूट मिलने पर यह पराक्रम प्रदर्शित

कर विश्व को प्रभावित किया है ।

भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय नियमों

और कानूनों का पालन करते हुए केवल आतंकवादियों तथा उनके अड्डों को निशाना बनाया है ।

 " विनय न मानत जल धी जड़ ,

गए तीन दिन बीत , बोले राम सकोप

तब भय बिन होय न प्रीति "।

 बजरंगबली ने रावण के समक्ष जो कहा था

उसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्धृत करते हुए कहा था , ' जिन

मोहि मारा , तिन मोहि मारा ' अर्थात

जिन्होंने मुझे मारा , मैं उन्हें ही मारा 

 यही काम भारत की सेना ने भी किया है ।केवल आतंकवादियों को

ही मारा गया है । चेतावनी भी दी गई

है कि भविष्य में यदि आतंकवादी गोली मारेंगे तो इधर से गोला चलेगा। 

आतंकवादियों , उनके आकाओं और

प्रश्रय देने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा । श्री तिवारी ने कहा

मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम अंत तक युद्ध नहीं

चाहते थे । श्री हनुमान जी की पता

लगाने के लिए और अंगद जी को

दूत बनकर भेजा था । लेकिन अहंकारी रावण नहीं माना । इसलिए

राम को युद्ध कर के राक्षसी मानसिकता का समूल नष्ट करना पड़ा । ऐसे ही योगेश्वर श्रीकृष्ण युद्ध

नहीं चाहते थे । लेकिन दुर्योधन नहीं

माना , तब युद्ध अनिवार्य हो गया जिसमें आसुरी प्रवृत्ति का संहार करना पड़ा । कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते है..! हे..! पार्थ युद्ध कर 

इनका समूल नष्ट कर । इसी से इनका और समाज दोनों का उपकार

होगा ।

        सारांश

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आतंकवाद की जड़ में है धर्म की गलत व्याख्या । यदि पाकिस्तान से

आतंकवादी समाप्त हो जाय तो सबसे अधिक लाभ पाकिस्तान और

वहां की जनता को होगा । भारत समेत पूरे विश्व में शांति का वाता वरण सृजित होगा । पाकिस्तान की

सरकार को आतंकवाद समाप्त करने के अभियान में भारत का साथ देना चाहिए । इससे दक्षिण एशिया में अमन चैन कायम होगा ।

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