महामहिम कुलाधिपति की अध्यक्षता में हुआ 43वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन
समारोह में महामहिम ने 61 विद्यार्थियों को प्रदान किए पदक, अभिभावकों को भी मंच पर बुला कर किया गया सम्मानित
अपनी रुचि के अनुसार, अपनी दिशा तय करिए: महामहिम कुलाधिपति
आने वाले 25 वर्षों में हमारे युवा नोबेल पुरस्कार प्राप्त करेंगे: महामहिम कुलाधिपति
आज का भारत असीमित अवसरों का भारत: मुख्य अतिथि श्रीमती राधिका गुप्ता
बड़े सपने देखिए, हिम्मत से अवसर को पकड़िए, एक नई उड़ान के लिए शुभकामनाएं: मुख्य अतिथि
दिनांक: 30-08-2024
हिन्द भास्कर, गोरखपुर।
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 43वां दीक्षांत समारोह महामहिम कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदी बेन पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
समारोह की मुख्य अतिथि एडलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता तथा विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री योगेंद्र उपाध्याय एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी रहीं।
मुख्य अतिथि के पिता तथा माननीय कुलपति की माता जी, उनके पति व पुत्री सहित शहर के गणमान्य अतिथियों ने समारोह में भागीदारी की।
दीक्षांत समारोह में माननीय कुलाधिपति ने 61 विद्यार्थियों को 138 पदक, जिसमें 55 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक तथा 83 डोनर्स पदक शामिल है, प्रदान किए। पदक विजेताओं में छात्राओं ने बाजी मारी। पदक विजेताओं में 49 छात्राएं और 12 छात्र रहे।
माननीय कुलाधिपति ने पहली बार पदक विजेता विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी मंच पर बुलाकर इस खुशी के मौके पर उन्हें भी इस सम्मान में शामिल किया।
166 शोधकर्ताओं को पीएचडी की उपाधि, 3 नेपाल के नागरिक भी शामिल
इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में 166 शोधकर्ताओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 70 छात्राएं तथा 96 छात्र शामिल है। पीएचडी उपाधि धारकों में तीन नेपाल के नागरिक शामिल रहे।
सत्र 2023-24 में 87,359 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि
इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में सत्र 2023-24 में 87,359 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 57,723 छात्राए (66.08%) शामिल है। इसमें विश्वविद्यालय परिसर के 6793 तथा महाविद्यालयों के 80566 विद्यार्थी शामिल है।
माननीय कुलाधिपति का उद्बोधन
जीवन में सबसे मूल्यवान बड़ों का आशीर्वाद
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलाधिपति ने कहा सबसे ज्यादा मेडल बेटियों को मिले हैं, इसलिए मैं विशेष अभिनंदन बेटियों और उनके माता-पिता का करती हूं। इस सफलता के पीछे माता-पिता का मार्गदर्शन प्रेरणा और मेहनत है। मैं सभी अभिभावकों को बहुत-बहुत बधाई देती हूं।
इस समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए पांच गांव के विद्यालयों के बच्चे भी शामिल है जिन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है।
इन बच्चों को आप सबने आशीर्वाद दिया। सबसे मूल्यवान जीवन में बड़ों का आशीर्वाद है।
पदक विजेताओं तथा उपाधि धारकों को माननीय कुलाधिपति ने कहा अब आगे का सोचिए, कुछ नया करने का सोचिए। अपनी दिशा तय करिए अपनी रुचि के अनुसार। अपने बचपन के कालखंड को याद करते हुए उन्होंने कहा आज 21वीं सदी के भारत में वह सभी सुविधाएं हैं जो हमें नहीं प्राप्त हुई। आपके पास लैब है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के बजट में शिक्षा से संबंधित अनेक प्रावधान है, विश्वविद्यालय तथा विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
आने वाले 25 वर्षों में हमारे युवा नोबेल पुरस्कार प्राप्त करें
पिछले 80 वर्षों में भारत के किसी वैज्ञानिक को नोबल पुरस्कार नहीं मिला। मुझे ऐसी अपेक्षा है कि आने वाले 25 वर्षों में हमारे युवा नोबेल पुरस्कार प्राप्त करें। हमारा देश युवा है, 35 वर्ष से कम आयु के लगभग दो तिहाई से ज्यादा लोग हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2027 तक आत्मनिर्भर और विकसित होने की दिशा में अग्रसर है। जिसका मंत्र मोदी जी ने 'सबका साथ, सबका विकास' दिया है। आज भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। यह मेहनत से हुआ है, परिश्रम से हुआ है।
बजट में शिक्षा में 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान, विश्व विद्यालय तथा विद्यार्थी उठाएं लाभ
आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए केवल शिक्षा में 1.48 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। इसी तरह यूजीसी ने 19,025 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इसका लाभ कैसे मिले, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रयास करें। विश्वविद्यालय बजट को ठीक तरीके से अध्ययन कर लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करे।
समय से घोषित हो परिणाम
माननीय कुलाधिपति ने कहा की सम्बद्ध महाविद्यालयों द्वारा समय से प्रैक्टिकल तथा आंतरिक मूल्यांकन के अंक प्रेषित नहीं करने के करना परिणाम घोषित करने में समस्या आ रही है जिसका असर विश्वविद्यालय को वर्ल्ड रैंकिंग में पड़ता है। जो संबंध महाविद्यालय समय से अंक प्रेषित नहीं करते हैं, उनको दंडित करे, उनका नाम समाचार पत्रों में प्रेषित करें और उनका भी परिणाम घोषित न करें। प्रॉब्लम नो कमिटमेंट और नो सिंसेरिटी की है। इसका नुकसान विद्यार्थियों और अभिभावक को हो रहा है।
खुद को अपने आईने में आत्मविश्वास से देखिए: श्रीमती राधिका गुप्ता
मुख्य अतिथि और एडलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा जीवन में सेल्फ कॉन्फिडेंस अत्यंत आवश्यक है। "मैंने एंटरप्रेन्योर बनने का फैसला किया, एक छोटे से इंडस्ट्रियल एस्टेट में एक छोटी सी कंपनी से अपनी शुरुआत की। जब मैं सीईओ बनी तो मैं अकेली महिला थी अपने क्षेत्र में,और 33 वर्ष की थी। तब एक बहुत प्रॉमिनेंट पत्रकार मुझसे कहा कि आपसे तो किसी को कोई उम्मीद हो ही नहीं सकती, क्योंकि आपको तो इस सेक्टर का कोई एक्सपीरियंस ही नहीं है। लेकिन जब हमारी कंपनी की थोड़ी सफल हुई तो तीन-चार साल बाद वही पत्रकार मेरा दोबारा इंटरव्यू करने आया और उसने कहा कि आपको तो कामयाब होना ही था क्योंकि आप सबसे अलग थीं। लोगों से अलग होना डिसएडवांटेज नहीं है। खुद को आईने में आत्मविश्वास से देखिए अपने आईने में खुद को कभी बदसूरत मत देखिए।
यह नहीं तो कुछ और सही, सभी अवसर का करें इस्तेमाल
दूसरी बात जो मैं आपको कहना चाहती हूं। अगर आपको अपने पसंद का अवसर नहीं मिला तो आप निराश ना हो क्योंकि प्लान ए सबको नहीं मिलता। प्लान बी और प्लान सी पर लगन से कार्य करिए। बेहतरीन अवसर की तलाश मत करिए। सभी अवसरों का इस्तेमाल करिए। जैसे कमजोर गेंद का इस्तेमाल करिए और उस पर छक्का मारिए।
चप्पल घिसना, मेहनत का कोई विकल्प नहीं
मुख्य अतिथि ने अपने एक रियलिटी शो के एक्सपीरियंस को साझा करते हुए कहा कि उसमें हमें 07:00 से 11:00 बजे तक कार्य करना पड़ता था। जिसकी उन्हें शिकायत थी तब उनके शो के डायरेक्टर ने बताया कि बगल में कौन बनेगा करोड़पति का सेट है जहां पर अमिताभ बच्चन इस उम्र में सुबह 6:00 बजे से देर रात तक पिछले कई दशकों से कार्य कर रहे हैं।
तात्पर्य यह है की मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। कड़ी मेहनत से कोई ऐसी वस्तु नहीं है मुकाम नहीं है जो आप हासिल नहीं कर सकते।
मैंने सोचा मैं अब अपने कर्मचारियों के लिए, कस्टमर के लिए ज्यादा मेहनत करूंगी। सफलता एक चुनौती है स्वीकार करो, संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो।
कृतज्ञता सीखिए, थैंक यू कहना सीखिए
आप सब कृतज्ञ करना सीखिए, कृतज्ञता बहुत अच्छी चीज है जिंदगी में लोगों को थैंक यू कहना सीखें।
आज का भारत असीमित अवसरों का भारत
मुख्य अतिथि श्रीमती गुप्ता ने कहा कि हमारे समय उदारीकरण की शुरुआत थी। काफी भ्रम था। लेकिन आज का भारत असीमित अवसरों का भारत है। आप जो कुछ भी करना चाहे वह कर सकते हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर कंपनी लिस्ट कर सकते हैं। आज का उत्तर प्रदेश विकास में अग्रणी राज्यों में है। एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है इसका फायदा उठाएं।
आज के भारत में आप बड़े सपने देखिए, हिम्मत से जो अवसर मिल रहे हैं उन्हें पकड़िए। एक नई उड़ान के लिए आप सबको मुबारकबाद।
मुख्य अतिथि का व्यक्तित्व और जीवन नई पीढ़ी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक: कुलपति
माननीय कुलाधिपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय बना रहा वैश्विक पहचान
समारोह की शुरुआत में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हमारे मुख्य अतिथि का व्यक्तित्व और जीवन नई पीढ़ी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। कुलपति ने महामहिम कुलाधिपति का स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय विभिन्न रैंकिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी वैश्विक पहचान बनाने में कामयाब रहा है। विश्वविद्यालय को यूजीसी द्वारा कैटेगरी 1 का दर्जा प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय ने 16 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव जैसे देशों के शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। हमने 11 पेटेंट फाइल किए हैं तथा 20 पेटेंट स्वीकृति के लिए दिए हैं। विश्वविद्यालय में मल्टीमीडिया स्टूडियो तथा महामहिम की प्रेरणा से सेंसस डाटा रिसर्च वर्क स्टेशन स्थापित किया गया है।
‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’: उच्च शिक्षा मंत्री
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री योगेंद्र उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में पदक विजेताओं तथा उनके गुरुओं और अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा की ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ हम सभी को मुकाम हासिल करने के लिए कोशिश करनी चाहिए। इसका उदाहरण मंच पर बैठे मुख्य अतिथि एवं माननीय राज्यपाल का व्यक्तित्व है। महामहिम की प्रेरणा से आज उत्तर प्रदेश में 7 से अधिक विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस श्रेणी के हैं तथा उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक विश्वविद्यालय ए ग्रेड में है। यह महामहिम के मार्गदर्शन, आशीर्वाद एवं प्रेरणा का परिणाम है। बच्चों ने माता-पिता और गुरु की प्रेरणा से मुकाम हासिल किया है। उनकी मेहनत पर्दे के पीछे है, इसलिए हमारी संस्कृति में इन तीन रिश्तो को देव तुल्य माना गया है। हमारे नेता के नेतृत्व में बनाई गई नई शिक्षा नीति हमें संस्कार रोजगार और तकनीक से जोड़ती है। इस समाज ने जो हमें जिम्मेदारी दी है, समाज से जो जिम्मेदारी हमने ली है, उसका निष्ठा से और समर्पण से पालन करें- यही राष्ट्रभक्ति है।
आपका ज्ञान, प्रतिभा और योग्यता स्वयं एवं आस पास के वातावरण को करे प्रकाशित: उच्च शिक्षा राज्य मंत्री
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी जी ने अपने उद्बोधन में पदक विजेताओं, गुरुओं, अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि आज ये समारोह आप लोगो के लिए आयोजित है। परिवार और समाज को आपसे अपेक्षाएं है। मुझे विश्वास है कि आप देशहित में अच्छा करेंगे। आपका ज्ञान, प्रतिभा और योग्यता स्वयं एवं आस पास के वातावरण को प्रकाशित करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण के लिए उपयोगी है। हमे आप सब पर गर्व है। मुझे राज्यपाल महोदय के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है, उनके कार्यशैली में दूरदर्शिता है। यहां आंगनबाड़ी के लोग तथा बच्चे भी उपस्थित है। विश्वविद्यालय की गुणवत्ता के साथ आंगनवाड़ी केंद्र भी अच्छे हो, यह सोच है।
मुख्य अतिथि को महामहिम कुलाधिपति द्वारा डी. लिट की मानद उपाधि
43वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि एडलवाइस म्यूचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund) की एमडी एवं सीईओ श्रीमती राधिका गुप्ता को महामहिम कुलाधिपति द्वारा डी. लिट की मानद उपाधि (Honorary degree) प्रदान की गई।
मैं उत्तर प्रदेश की बेटी हूं, पहला सम्मान है जिसे देखने मेरे साथ मेरे पापा आए
मुख्य अतिथि ने कहा इस सम्मान के लिए बहुत शुक्रिया। मेरे पापा भारतीय विदेश सेवा में रहे हैं। हर 3 साल में मैंने क्लास बदली है और देश बदला है। लेकिन मैं उत्तर प्रदेश की बेटी हूं मुझे पहले कई सम्मान मिले लेकिन यह पहला सम्मान है जिसे देखने मेरे साथ मेरे पापा आए हैं।
बात भाषा की नहीं, बात ‘बात’ की होती है
मैं हिंदी में बोलूंगी। मैंने सिर्फ क्लास तीन तक ही हिंदी पढ़ी है। लेकिन यहां बात भाषा की नहीं होती है बात बात की होती है।
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