डीडीयू में एन ई पी में बहुभाषावाद, चरित्र निर्माण और शिक्षक की भूमिका पर हुआ विमर्श

एन ई पी ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम का समापन 10 सितंबर 2025 को।

Sep 9, 2025 - 20:51
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डीडीयू में एन ई पी में बहुभाषावाद, चरित्र निर्माण और शिक्षक की भूमिका पर हुआ विमर्श

हिन्द भास्कर, गोरखपुर।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के यूजीसी मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (MMTTC) द्वारा आयोजित 11 वें ऑनलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम के आठवें दिन दो सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. वरुण कुमार मिश्रा, अंग्रेजी विभाग, राजधानी कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालय एवं प्रो. राजेश कुमार गर्ग, हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद की गरिमामयी उपस्थिति रही ।

प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. वरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में त्रिभाषा फार्मूला लागू किया गया है जिसमें छात्रों को तीन भाषाओं को सीखना होगा, जिनमें कम से कम दो भारतीय भाषाएं होनी चाहिए। चूंकि भाषा ध्वनियों की एक प्रणाली है अतः हमें भारतीय भाषाओं का शिक्षण प्राथमिक स्तर से ही देना ज्यादा उपयुक्त होगा। यह नीति छात्रों को बहुभाषी बनाने और विभिन्न भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।आगे उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों विशेषकर तमिलनाडु में लोगों का मानना है कि त्रिभाषा फार्मूला हिन्दी भाषा को थोपने का एक तरीका है।

दूसरे सत्र के अपने उद्बोधन में प्रो. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि संस्कार जीवन में चरित्र निर्माण का वह आवश्यक घटक है जो व्यक्ति को संतुलित एवं अर्थपूर्ण जीवन जीने में मदद करता है। संस्कार और अनुशासन के बिना हम सभ्य समाज की संकल्पना नहीं कर सकते।

इसी क्रम में उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों का लक्ष्य केवल डिग्री बांटना नहीं होना चाहिए बल्कि डिग्री के साथ -साथ चरित्र निर्माण भी विश्वविद्यालयों के प्रथम उद्देश्यों में से एक होना चाहिए। नई शिक्षा नीति सुगंध समीर की तरह है जिससे भारतीय शिक्षा प्रणाली का हर उपवन महकेगा एवं प्राचीन ज्ञान परंपरा के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए हम अपने लक्ष्यों तक सुगमतापूर्वक पहुंच सकेंगे।

कार्यक्रम संयोजक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि दुनिया के किसी भी समाज के विकास में वहां के शिक्षकों की प्रभावी भूमिका रही है।शिक्षक समाज का शिल्पी होता है, संपूर्ण राष्ट्र का भविष्य, उसकी संस्कृति, सभ्यता और प्राचीन परम्परा शिक्षकों के हाथों में होती है।इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए पूरी तरह से आत्मसात करना होगा .

कार्यक्रम सह-संयोजक प्रो मनीष पांडेय ने कहा कि यह विकसित भारत का विज़न डॉक्यूमेंट है .विभिन्न सत्रों में स्वागत एवं आभार ज्ञापन प्रीति कुमारी, डॉ अजमत आरा एवं खुशबू जायसवाल द्वारा किया गया, तकनीकी सहयोग विशाल मिश्रा एवं नितेश सिंह द्वारा दिया गया। रिपोर्ट संकलन अरुण मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के 60 से अधिक शिक्षक एवं शोधार्थी सहभागी बने।

एनईपी ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम का समापन कर 10 सितंबर 2025 को

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के यूजीसी मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (MMTTC) द्वारा आयोजित 11 वें ऑनलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम के नौ दिवसीय कार्यशाला का 10 सितंबर को समापन होगा।

कार्यक्रम संयोजक प्रो. अजय कुमार शुक्ला, पूर्व विभागाध्यक्ष अंग्रेजी, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो.बिजेंद्र सिंह, कुलपति, डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी एवं वैलेडिक्टरी एड्रेस प्रो. संजीव कुमार, कुलपति, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ द्वारा दिया जाएगा।

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