08 अगस्त 2024 का पंचांग एवं गुरुवार का माहात्म्य
आज गुरुवार है। श्री शुभ संवत् 2081 के श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि।
शक संवत् 1946 के राष्ट्रीय श्रावण मास की 17वीं तिथि, तदनुसार दिनांक 08 अगस्त सन् 2024 ई०।
आज सूर्योदय प्रातः 05 बजकर 27 मिनट पर तथा सूर्यास्त सायं 06 बजकर 33 मिनट पर होगा।
वर्षा ऋतु है।
दिनमान 32 घटी 40 पल
तथा रात्रि मान 27 घटी 20 पल।
चतुर्थी तिथि का मान रात 09 बजकर 56 मिनट तक तदुपरांत शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि।
राहु काल
राहु काल दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक है। राहु काल में यात्रा एवं शुभकार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए।
शूल विचार
गुरु वार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो जीरा या दही खाकर यात्रा की जा सकती है। यात्रा का आशय आपके नियमित कार्य से नहीं होता। रात में 10 बजकर 20 मिनट तक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है इसके अनंतर हस्त नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। दिन में 12 बजकर 44 मिनट तक शिव योग है।
09 अगस्त शुक्रवार को नागपंचमी
है।
गुरुवार का माहात्म्य
देवगुरु बृहस्पति का दिन है गुरुवार ।इस दिन भगवान विष्णु जी का व्रत रखने से और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जो भी भक्त गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कथा को पढ़ते हैं, उन पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।
ऐसी मान्यता है कि शादी की इच्छा वाले लोगों को हर गुरुवार को हल्दी वाले पानी से स्नान करना चाहिए। अगर आपकी शादी में देरी हो रही है तो इससे मदद मिलेगी। इस उपाय के साथ-साथ हर गुरुवार को भगवान विष्णु की मूर्ति पर हल्दी का तिलक भी लगाना चाहिए। गुरुवार के दिन 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' मंत्र का जप सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए और पीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए इससे गुरु मजबूत होते हैं।
ऐसी भी मान्यता है कि गुरुवार के दिन घर में पोछा नहीं लगाना चाहिए साथ ही इस दिन न तो कपड़े धोने चाहिए और न ही साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दिन नाखून और बालों को कटवाने से कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर हो सकती है। आज के दिन कैंची, ब्लेड और चाकू खरीदना अशुभ माना जाता है।
गुरुवार के दिन नहाते समय आपको 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का लगातार जाप करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना कर रहा है तो उसे गुरुवार के दिन 108 बार 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए।
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