यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस बूस्टर डोज़ साबित होगी

यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस बूस्टर डोज़ साबित होगी

Nov 14, 2025 - 21:36
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यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस बूस्टर डोज़ साबित होगी
  • वाराणसी से खजुराहो के लिए नई वंदे भारत ट्रेन पर्यटन उद्योग में नया अध्याय लिखने को तैयार
  • वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन से न केवल काशी, बल्कि पूरे सांस्कृतिक परिक्षेत्र प्रयागराज, विंध्याचल और चित्रकूट की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा और संभावनाओं का संचार
  • काशी-खजुराहो वंदे भारत ट्रेन से यूपी में मंदिर पर्यटन और अर्थव्यवस्था को सीएम योगी दिलाएंगे रफ्तार

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- उत्तर प्रदेश में मंदिर पर्यटन से अर्थव्यवस्था को अब काशी-खजुराहो वंदे भारत ट्रेन के परिचालन से उसकी गति बढ़ जाएगी। वाराणसी और खजुराहो के बीच चलने वाली यह ट्रेन काशी से सुबह 5.15 बजे चलकर दोपहर 1.10 बजे खजुराहो पहुंचेगी। वापसी में यह खजुराहो से दोपहर 3.20 बजे रवाना होगी और रात 11.10 बजे बनारस पहुंचेगी। खजुराहो-बनारस वंदे भारत एक्सप्रेस हफ्ते में छह दिन चलेगी। गुरुवार को यह ट्रेन नहीं चलेगी। रास्ते में यह विंध्याचल, प्रयागराज, छिवकी, चित्रकूट धाम, कर्वी, बांदा और महोबा में रुकेगी।

इससे उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा कवर होगा। अब वाराणसी से खजुराहो के लिए शुरू हुई नई वंदेभारत ट्रेन पर्यटन उद्योग को रफ़्तार देते हुए नया अध्याय लिखने को तैयार है। अर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक नई वंदे भारत ट्रेन में यदि दैनिक औसतन 400 यात्री यात्रा करते हैं और प्रत्येक यात्री किराए के अतिरिक्त औसतन ₹2000 वाराणसी में खर्च करता है। तो वार्षिक अतिरिक्त व्यय: ₹28,80,00,000 (अट्ठाईस करोड़ अस्सी लाख रुपये) होगा ।

मुख्यमंत्री योगी के उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बूस्टर डोज़ साबित होगी। वाराणसी–खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रारंभ होने से न केवल काशी, बल्कि उससे जुड़े पूरे सांस्कृतिक परिक्षेत्र प्रयागराज, विंध्याचल और चित्रकूट की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा और संभावनाओं का संचार होगा। यह केवल एक रेल सेवा नहीं, बल्कि ‘सांस्कृतिक,आर्थिक कॉरिडोर’ के रूप में कार्य करेगी, जो उत्तर भारत के धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के परिवहन को तीव्र गति देगी।

यह ट्रेन वाराणसी (धार्मिक–सांस्कृतिक केंद्र) को खजुराहो (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) के साथ-साथ प्रयागराज और चित्रकूट जैसे तीर्थ स्थलों से जोड़ती है। पहले धीमी रेल कनेक्टिविटी के कारण विदेशी पर्यटक खजुराहो या चित्रकूट कम ही यात्रा करते थे। अब तेज, सुरक्षित और आरामदायक रेल संपर्क के कारण घरेलू व विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि की संभावना है। यात्रा का समय लगभग 2 घंटे 40 मिनट घटने से व्यापारियों और तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी पर्यटन अवधि और संख्यां दोनों बढ़ेंगी।

वहीं वंदे भारत ट्रेन का आर्थिक प्रभाव केवल वाराणसी तक सीमित नहीं रहेगा। इसका स्पिलओवर इफेक्ट पूरे मध्य गंगा क्षेत्र और बुंदेलखंड तक फैलेगा। वाराणसी–खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस केवल यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि उत्तर भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान और स्थानीय अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगी।

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